Wednesday, 11 May 2016

सर उठाकर जहाँ देखो वही नजर आते है भोलेबाबा।।

हमें याद है स्वामी विवेकानंद और सुभास चंद्र बोस।
गर्व होता नहीं दलाल गद्दारों से और न आता है जोश।।
यह देश कभी भी नहीं गर्व करता मुल्लो या काजी से।
इस देश के लोगों में जोश आता है वीर  शिवाजी से।।
यह देश दिल से पूजता नहीं किसी अली या वली को।
बच्चा बच्चा अपने दिलोँ में रखता है बजरंग  बली को।
यह देश नहीं करता फकिरो या पीरो को कभी सलाम।
यह देश सीखता है जब शिक्षा देते है अब्दुल कलाम।।
पढते है उन्हें समझने के लिए हम बाईबल और  कुरान।
मगर अपने दिल में रखते है सर्वश्रेष्ठ गीता और पुराण।।
इस देश में कही भी नहीं टिकते है अल्लाह या काबा।
सर उठाकर जहाँ देखो वही नजर आते है भोलेबाबा।।

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