Sunday, 1 May 2016

परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है जिसे स्वीकारना होगा।

परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है जिसे स्वीकार करना ही होगा, परन्तु परिवर्तन आपके हित में हो, इसके लिए प्रयास करना होगा।

"काबुल" जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नहीं बचा।

"गांधार" जिसका विवरण महाभारत में है, जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम कंधार हो चुका है, और वहाँ आज एक भी हिन्दू  नहीं बचा।

"कम्बोडिया" जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर "अंकोरवाट" बनाया, आज वहाँ भी हिन्दू नहीं है।

"बाली द्वीप" में 20 साल पहले तक 90% हिन्दू थे, आज सिर्फ 20% बचे हैं।

"कश्मीर घाटी" में सिर्फ 20 साल पहले 50% हिंदू थे, आज एक भी हिन्दू नहीं बचा।

"केरल" में 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओं की थी, आज सिर्फ 10% हिन्दू केरल में हैं।

"नोर्थ ईस्ट" जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि में हिन्दू हर रोज मारे या भगाए जाते हैं, या उनका धर्म परिवर्तन हो रहा है।

इतिहास देखें 1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नहीं था, सिर्फ पारसी रहते थे। आज वहा कोई पारसी बचे है।

एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नौसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुंचे, और आज पारसी सिर्फ भारत में ही गिनती की संख्या में बचे हैं।

ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमों के 56 देश हैं।

और हिन्दुओं का एक मात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा।

ये भी परिवर्तन का एक हिस्सा है अब आपके हित में हो रहा है किसी और के या आपको इससे कुछ लेना देना नहीं है, जीने के लिए तो कोई भी धर्म अपना लो क्या फर्क पड़ता है ?

कुछ दिन पहले NDTV के रवीश कुमार ने RSS के सिन्हा सर से तल्ख़ मुद्रा में पूछा था कि अगर देश में मुस्लिम ज्यादा हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ?
फर्क क्या होता है ये पढ़ें !

मुस्लिम बाहुल्य "काश्मीर विश्वविद्यालय" में एक फिल्म "हैदर" की शूटिंग चल रही थी, उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए तिरंगा झंडा लगाया गया, और कलाकारों को जय हिन्द बोलना पड़ा l

इतना बोलते ही विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े l

फिल्म का सेट तोड़ दिया गया, काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर निकाला जा सका l

तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिन्द पर आपत्ति इस सबका कारण थी l

पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन कालेज प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया गया l

ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं, विश्वविद्यालय के छात्र थे l

अब सोचना पड़ेगा कि जब भारत देश का अस्तित्व ही नहीं होगा तब आप हिन्दू बनकर रहो या मुसलमान, रहोंगे तो बस गुलाम। और गुलाम नहीं बनना है तो हिन्दू ही बुरा क्यों ? इसलिए कि हिन्दू लालच की वजह से बंदेमातरम् और श्री राम का नाम सुनते ही सेक्युलरिज़्म का नारा देने लगता है, और जब तिरंगा जलाया जाता है हिंदुओ को मारा जाता है देशद्रोही नारे लगाये जाते है तब प्रवचन देता है कि मुट्ठी भर लोगों से भारत को क्या फर्क पड़ता है।

ये हमारे देश के सम्मान की बात है एक सुन्दर संवाद……
(एक बार ज़रूर पढ़ें )

बी एस सी के छात्र का कॉलेज का पहला दिन……
(गले में बड़े-बड़े रुद्राक्ष की माला)
प्रोफेसर-- बड़े पंडित दिखाई देते हो, लेकिन कॉलेज में पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो…… पूजा पाठ घर में ही ठीक है।
(क्लास के सभी बच्चे ठहाका लगाते हैं)
छात्र (विनम्रता से)-- सर, आप मेरे गुरु हैं, और सम्माननीय भी इसलिए आपकी आज्ञा से ही कुछ कहना चाहूँगा l

शिक्षक कहते हैं-- बोलो ?
छात्र-- सर, जब ऐसे छोटे कॉलेज छोड़िये आई आई टी और मेडिकल कॉलेज तक में मुस्लिम छात्र दाढ़ियाँ बढ़ाकर या टोपी चढ़ाकर जाते हैं और कितनी भी बड़ी लेक्चर हो क्लास छोड़कर नमाज़ के लिए बाहर निकल जाते हैं तो शिक्षकों को वो धर्मनिष्ठता लगती है।

मासूम बच्चे का जननांग काट कर मुस्लिम बनाया जाता है तो यह अंधविश्वास नहीं महान धर्म परायणता लगाती है।

जब क्रिश्चियन छात्र गले में बड़े बड़े क्रॉस लटकाकर घूमते हैं तो वो धर्मनिष्ठता हैं, और ये उनके मजहब की बात हुई।

और आज आपके सामने इसी क्लास में कितनी ही लड़कियों ने बुर्का पहना है, और कितने ही बच्चों ने जाली - टोपी चढ़ा रखी है तो आपने उन्हें कुछ नहीं कहा तो आखिर मेरी गलती क्या है ?

बस इतना कि मैं एक हिंदू हूँ।

जबाब बिहीन शिक्षक आखिर बोलता ही क्या..?

मित्रों हमें परिवर्तन चाहिये परन्तु राष्ट्र का नहीं, धर्म का नहीं, संस्कारों का नहीं। परिवर्तन चाहिए गरबी से अमीरी का, अज्ञान से ज्ञान का, अपमान से सुदृढ़ स्वाभिमान का, बेईमानी से सत्यनिष्ठा का, असुविधा से भौतिक सर्व सुख सुविधाओं का।

आइये 60 सालों के बाद आये हुए परिवर्तन का स्वागत करें ! यदि यह परिवर्तन हमारे हित में नहीं तो पुनः परिवर्तन करें ! परन्तु ठगों की चाल में फंसकर परिवर्तन का लाभः लेने से वंचित नहीं रहे ! हर प्रक्रिया का कुछ नियम है वह नियम पूरा होने तक धैर्य सहित अवसर प्रदान करें।

जय हिन्द…… जय भारत

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