जब देश ही नहीं होगा तब क्या पाओगें.....
जरूरी नहीं कि कुत्ता ही वफादार निकले… वक़्त आने पर आपका वफादार भी कुत्ता निकल सकता है ।
सुनता हूँ अभी भी राजनीतिक विपक्ष जिन्दा है भारत देश में, परन्तु स्वाभिमान....। पता नहीं।
न तो कोई देश बुरा होता है और न राजनीति बुरी होती है बुरा होता है देश का नागरिक।
किसी भी देश में भ्रस्टाचार अत्याचार इसलिए होता है कि अमीर को परवाह नहीं मध्यम वर्ग के पास समय नहीं और गरीब असमर्थ है।
प्रत्येक देश बाहरी दुश्मनों से बड़ी आसानी से विजय प्राप्त कर लेता है परन्तु पराजित तब होता है जब अन्दर के दुश्मन वार करते है।
कोई भी व्यक्ति जोर जबरजस्ती से अपना आराध्य नहीं बदलता सिर्फ माया मोह लालच ही उसका आराध्य बदलवा सकता है।
किसी भी राष्ट्र को क्षति अत्याचारों गद्दारों या दुश्मनों से नहीं होता क्षति निष्क्रीय अन्याय सहनेवालों से होता है।
एक रूपया आपके पास है एक मेरे दोनों ने आदान प्रदान किया तो सिर्फ एक एक रूपया ही रह जायेगा।
परन्तु एक ज्ञान आपके पास है एक मेरे दोनों का आदान प्रदान किया तो दोनों के पास दो दो हो जायेगा।
इसीलिए पहला ज्ञान मुझसे लेलें कि यदि विपक्ष ऐसे ही राजनीति किया तो देश को जल्द ही गुलामी के लिए मजबूर बनाएगा।
हिन्दुस्तान होगा या नहीं होगा इसके लिए अभी तक का इतिहास देखना होगा कि अब तक नहीं मिटा तो अब कौन मिटाएगा। परन्तु यह तो तय है सभी सेक्युलरों में धर्म परिवर्तन जरूर आयेगा। कोई यहाँ तो कोई विदेशों में बस जायेगा।
-अवधेश कुमार तिवारी
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