Monday, 8 August 2016

हिन्दू साजिस से आहत है न कि शत्रु से।

क्या हमें परेशान किया जा रहा है ? ये सब एक साजिस तो नहीं। ऐसा क्यों होता है कि विदेशी मीडिया महा शिवरात्री में किसी समुदाय के दूध चढ़ाने पर बोलती है, लाखो लीटर दूध पत्थर पर फेका जा रहा है और लाखों बच्चे भूखे है, यदि यह दूध नहीं चढ़ाया जाता तो लाखो जिंदगियां बच जायेगी, लेकिन यही लोग जब गाय काटी जाती है तो नहीं बोलते कि, यदि यह गाय बची रहती तो पुरे जीवन में कितना दूध देती, उससे कितने लोगो की जान बचाई जा सकती है।
     जब लोग होली में रंगो से अपना पर्व मनाते है तो यही विदेशी पैसों से चलने वाले लोग बोलते है, इस त्यौहार पर लाखो लीटर पानी बरबाद हो जाता है। यदि यही पानी सूखा पीड़ितों को दिया जाता तो लाखो जाने तरोताजा हो जाती, लेकिन ये नहीं बोलते कि मुहर्रम या ईद पर मासूम बच्चों या जानवरों के साथ अमानवीयता से कितना पानी बचता। और इससे कितने लोगो का फायदा होता। मैं किसी धर्म या प्रथा का बिरोधी नहीं सब लोग अपना अपना त्यौहार हर्षो उल्लास से मनाये माँ को बड़ी ख़ुशी होगी।
    दीवाली में सिर्फ एक देश के कुछ लोग पटाखे फोड़ते है तो यही मीडिया बोलती है। इन पटाखों से इतना पलूशन होगा कि लोगो को दमा होकर जाने जा सकती है, लेकिन नए साल में पूरा विष्व जब आतिशबाजी करता है तो उससे पलूशन नहीं भड़वे जश्न बताते है बोलते है आज पूरा विष्व नए वर्ष का स्वागत कर रहा है जश्न मना रहा है।
   कुछ लोगो द्वारा जब किसी मासूम अबोध बच्चों का जननांग काटा जाता है तब क्या उसे धर्म के बारे में पता होता है ? क्या उसमे उसकी रजामंदी होती है? क्या यह मानवाधिकार का उलंघन नहीं है? और इसका दुष्परिणाम होता है कि एक अधूरा आदमी पुरे आदमी से नफ़रत करने लगता है। क्योंकि बचपन में पता नहीं वह क्या बनना चाहता था और उसे क्या बना दिया गया। फिर तो मरता क्या न करता। एक का कट जाता है तो वह दूसरे का भी काट देता है, रॉड ख़ुशी जब सबका मरै।
      एक हिन्दू सिख ईसाई बौद्ध या जैन आदि अपनी स्वेक्षा से धर्म के प्रति आस्था रखता है। लेकिन अधूरे इंसान की यही मजबूरी है कि, जो कभी पूरी नहीं हो सकती इसलिये सिर्फ नफ़रत ही बचती है। जिसे कभी न तो विदेशी पैसो से चलने वाली मीडिया बोल सकती है और न ही देशद्रोही विदेशी चंदाचोर नेता। बोलेगे तो सुबह पिट जायेगे या कंगाल हो जायेगे।
   मैं उनके लिए माँ से प्रार्थना करूँगा कि अपने दुःख को किसी के ऊपर न थोपने की उन्हें प्रेरणा दे! अपने अधूरेपन की जलन से किसी मासूम को अधूरा न बनाये।
    तो क्या इस देश के लोगो के साथ साजिस हो रही है हिन्दू मुस्लिम सिख आदि को आपस में लड़ाने की.....लगता तो ऐसा ही है कि विदेशी ताकते देश में कुछ लालची कुत्तो के सामने पैसा फेककर लड़ा रही है। आप का कर्तव्य है कि ऐसे लोगो को देखना सुनना बंद कर दे देश में धार्मिक लड़ाई अपने आप बंद हो जायेगी और देश एक महान राष्ट्र।
              जय हिन्द!     जय भारत!

No comments:

Post a Comment