Thursday, 25 August 2016

झांक रहे है देश के दुश्मन अपनी इन दीवारों से। बचकर रहना अपने ही घर में छुपे हुए गद्दारों से।।

रखें कटोरा हरदम ख़ाली पर भर जाती है बोरी।
सारे सागर के जल से नहाके भैस न होती गोरी।।
कुर्सी की लालच कुछ ऐसा अब मांग रहे है चंदा।
झाड़ू लगवै टोपी पर, पर दिल दिमाग है गन्दा।।
सावधान हो जाओ भाई मेरे देश में घुस गए चोर।
पाकिस्तान से साठगांठ कर खुबही मचावत शोर।।
झांक रहे है देश के दुश्मन अपनी इन दीवारों से।
बचकर रहना अपने ही घर में छुपे हुए गद्दारों से।।
एक मकान मालिक ने घर रखवाले को सुपुर्द कर दिया।
रखवाले ने आते ही घर की कमाई को चमचो में लुटाया।
अय्यासी मौजमस्ती संग सिगरेट का धुआं खूब उड़ाया।
बहुत सारे कुत्ते पाले अपने खाया व कुत्तों को खिलाया।
खर्च का आलम ये की कमाई काम पड़ने लगी जब तो।
किसी गैर का घर था इसीलिए उसका सामान बेचावया।
कभी खिड़की कभी दरवाजे तो कभी परदे बेच खाया।
बर्तन बेचे चूल्हा बेचे बिस्तर भी किसी और को दे आया।
सारा सामान बेचने के बाद ईंट पत्थरों का नंबर आया।
यह सब देखकर हैरानी से मकान मालिक खूब घबराया।
संविधान के तहत 2014 में वह मकान खाली करवाया।
इसके बाद एक सम्भ कर्मठ ईमानदार रखवाला आया।
जिसने एक एक कर मकान पुनर्निर्माण का काम चलाया।
घर में नया रखवाला देख कुत्तों ने फिर से सेंध लगाया।
मगर माकन रखवाले ने किसी को एक रोटी नहीं खिलाया।
फिर कुत्तों ने शोर शराबा कर चारों पैर जमीन पर चलाया।
भूक भूक कर सोचा होगा कि अब रखवाला घबराया।
रखवाला भी शेर दिल था इसीलिये जोर से दहाड़ लगाया।
इतने दिनों से हराम की खानेवाले कुत्ते कम कहाँ होते है।
डरने के बाद भी थोड़ी दूरी बना भुकने से कब रुकते है।
यह सब दृश्य देख मकान मालिक को खूब मजा आया।
मालिक जनता मकान भारत में अभी एक रखवाला आया।।

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