Tuesday, 12 July 2016

अज्ञानता नफ़रत रूढवादिता से उपजी ग़रीबी

अधिक बच्चे पैदाकर गरीबी के कारण उचित परवरिस न दे पाना।
गरीब बच्चों का आतंक प्रचारक हरामी मुल्लों के सम्पर्क में आना।।
हर अमन पसंद हिंदुस्तानी के लिए कफ़न का इंतजाम कर रहा है।
आतंक इतनी तेजी से बढ़ रहा है मगर अफशोस हिंदुस्तान सो रहा है।।

हर साधारण व्यक्ति यही सोचता है जो कुछ हो रहा है वह स्वाभाविक है, ऐसी परिस्थिति में अपने लिए जो कुछ भी स्वार्थसिद्धि हो जाय वही बेहतर है लेकिन यही ख़याल हमें और भी कठिन और दुर्लभ मार्ग प्रदान करता है। जैसे स्कूलों में विद्यार्थियों को नक़ल कराना, नक़ल से डिग्री लिए लोगों को सफल बनाना। हमें यह सब साधारण सी बात लगती है मगर ये उतनी साधारण है नहीं जितनी दिखती है, क्योंकि इन बातों के पीछे अच्छीखासी प्लानिंग होती है राजनैतिक मैनेजरों की, आप सोंचते होंगे नेताजी इतना सीधासाधा है इनके पास इतना शातिर दिमाग हो ही नहीं सकता, तो आप ज्यादा कुछ गलत नहीं सोचते है, हर पार्टी, हर बड़े नेता के पास योग्य प्लानर, मेनेजरर्स होते है जो इस तरह की बातों को सोचते है और करवाते है। समाज में किसी भी एक अयोग्य व्यकि की नौकरी लगवाने के पीछे मकसद होता है कि शिक्षा प्रणाली को कमजोर बनाना वर्ना यदि लोग जानने समझने लगे तो बेवकूफ बनाना मुश्किल होगा, दूसरा लक्ष्य होता है लोगो को लालची बनाना, आसानी से कोई मंजिल मिल जाना उतना ही घातक है समाज के लिए जितना की किसी भरी भीड़ में बम विष्फोट होने पर कुछ का मरना और कुछ का बच जाना। यही सब हमें आजादी के बाद से मिला है जिसके लिए स्वार्थी नेताओं का हाल कुछ बिगड़ सा गया है। और अब उनके ख्यालात कुछ ऐसे हो गए है।

हम पांच नहीं पच्चीस राज्य हारेंगे।
मगर अपनी आदत नहीं सुधारेगें।।

बाटला हॉउस एन्कोउन्टर पर सोनिया जी फूट फूट कर रोयीं।
सलमान खुर्शीद बोले ऐसे कुकर्मो से कभी कांग्रेस ने सत्ता नहीं खोई।।

हजारों वर्षो से विदेशी शासको ने हिन्दुस्तानियों का संघार किया।
कांग्रेस ने भगवा आतंक बता मुस्लिम आतंकियों का उद्धार किया।।

विदेशी शासको और कांग्रेसी शासको के अत्याचार में बस एक ही अंतर।
विदेशियों ने हिन्दुस्तान लूटा और कांग्रेस ने हिंदुओ के पेट में भोका खंजर।।

कांग्रेस ने देश लूटने के लिए सेक्युलेरिस्म का लुटेरों को पाठ दिया।
और सारे हरामी लालची हिंदुओ ने ऐसे लोगों का ही तलवा चाट लिया।।

यही लालचिपन से ही जन्म लेता है आतंक और आतंक ही नहीं सारी असामाजिक समस्याएं,अभी हम उस आतंकवाद की बात कर रहे है जिसे अमेरिका में टेररिज्म, पाकिस्तान में ज़िहाद और हिंदुस्तान में सेक्यूलेरिज्म बोला जाता है। क्योंकि लोग सोचते है मौत को मेरे घर का पता ठिकाना ज्ञात नहीं वह मेरे घर आ ही नहीं सकती, यही भ्रम है जो अपराध को अमृत पिलाता है। लेकिन सोचने की बात है कि क्या हमारी अज्ञानता हमें बेहतर भविष्य प्रदान करेगी? कभी नहीं हमें उन लोगो को समझाना चाहिए जो ग़रीबी को अपनी जीवनी समझने लगे है, जो लोग यह सोचते है कि दस बच्चे होंगे और एक एक हजार भी कमाकर देगें तो दस हजार का इनकम होगा। दसों भीख भी मांगेंगे तो नहीं कुछ पांच हजार तो बचाएंगे ही, यही ऐसे ही कुछ विचार आते है ग़रीबो को ग़रीबी में। इतने ही विचार से समाज को पूरा नुकसान नहीं, नुकसान तो तब शुरू होता है जब इन्हें गरीब बनाने वाला इनका आका मिल जाता है जो ज्ञान देकर ज्यादा बच्चे पैदा करवाता है, वही इनके दिलों में नफ़रत पैदा करता है, इंसानो को इंसानो से अमीरी गरीबी के नाम पर जाति के नाम पर, धर्म के नाम पर लड़वाता है। सोचने की बात है लड़ने वाला सिर्फ और सिर्फ जेल या मौत को गले लगता है और लड़वाने वाला नेता मंत्री या धर्म गुरु बन जाता है।

आज कल एनजीओज़ भी इस तरह चल रहे है। एक एनजीओज किसी भी एक गांव के लोगो के बारे में भलीभांति जानकारी हासिल करता है जिस व्यक्ति को टारगेट करना होता है उसका भूत वर्तमान और भविष्य अच्छी तरह पढ़ता है फिर उस गांव में जाकर बच्चों को टाफियां, बड़ो को कुछ गिफ्ट और बूढ़ो के ऊपर खूब प्यार लुटाता है और बताता है कि हमें अल्ला ने भेजा है आप सभी लोगो की मदत के लिए, इतना कहते हुए अपने टार्गेटेड व्यक्ति को बुलवाता है उसका सारा भूतकाल बताता है तो लोग और भी अल्ला पर विश्वास करने लगते है तो एनजीओ वाला बोलता है अल्ला ने अभी एक व्यक्ति को मेरे द्वारा मदत भेजा है और बोला है आप सभी अल्ला की शरण में आ जाओ तब अल्ला खुद आकार सीधा आप सभी की मदत करेगा। एक व्यक्ति की मदत होते देख सभी लोगो के मन में लालच बढ़ता है और हो सकता है ठगे न जाय परंतु कुछ ठगे भी जाते है। ठगे जानेवाला कुछ नहीं पाता है मगर एनजीओ वाला जरूर मालामाल हो जाता है।

सब का एक ही मकसद है इन्सानो में नफ़रत बढ़ाकर अपने को धनवान होना। आप चाहे तो लोगो में जागरूकता ला सकते है भीख मांगने वाले अक्सर मिलते होंगे उन्हें मदत दे मगर बगैर उपदेश दिए भीख देना एक और भिखारी उत्पन्न करता है। आप बोलेंगे कि मेरे पास टाइम नहीं है, भाई जब पैसा आपने कमाया तो टाइम लगा था या हराम का मिल गया? यदि हराम का मिला तो कोई बात नहीं यदि मेहनत लगी हो तो उसका सदुपयोग करें बर्बाद नहीं। औरतें बच्चों से भीख मंगवाते मिल जाती है उनकी भी मदत करें मगर गर्भनिरोधक गोली भी साथ में दे जो सरकारी अस्पतालों पर मुफ़्त भी मिलती है उसे अपने पास टॉफी जैसा रखें। हर किसी एनजीओज का भलीभांति तहक़ीक़ात करें और गलत एनजीओज की जानकारी पुलिस या सम्बंधित विभाग को दें!आपका एक प्रयास अमीरी ग़रीबी के बीच की खाई कम कर सकता है इंसानो के बीच बढ़ रहे नफ़रत को मिटा सकता है।

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