हम भारतीय शेर का शिकार करनेवाले कभी कुत्तों को नहीं संघारे है।
दुश्मन जो सीना तानकर खड़ा हो मैदान में हम सदा उसी को मारे है।।
महिलाओं पर अत्याचार करनेवाले मर्दो की संगत क्या निभाएंगे।
जो कभी मुर्दा भी जला नहीं सकते वे हमें जिन्दा क्या जलाएंगे।।
हिन्दुस्तान की दया पर जिन्दा रहनेवालों तुम्हारे पास ना पानी है।
जितनी बार युद्ध किये हारे हो हर बार उसी की याद दिलानी है।।
कमर के नीचे तुम्हें जब भी देखा है तेरी तो पोशाक जनानी है।
पुरुषों के गुण नहीं तुझमें बिना मूछ के नारी यही तेरी कहानी है।।
हमने तुम्हे जितनी बार समझाया तू हर बार थोड़ा बहुत शर्माया।
निर्लज्ज हो तुम इतना कि मेरी दी हुई इज्जत तुझे रास ना आया।।
जैसे तुझे पाला पड़ोस में वैसे ही अपने देश में कुछ कुत्ते पाले है।
बखूबी हमें पहचान है उनकी जिन्हें तुमने कुछ हड्डियां डाले है।।
जब तक भूकता कुत्ता तब तक परवाह हम हिन्दुस्तानी नहीं करते।
मगर जब भूकते हुए नज़दीक आ जाये तभी हम वार है करते।।
कुत्ते भय से खुद भागके मरते जब क्रोधित होता हिन्दुस्तानी है।
कुत्ते हम कभी मारा नहीं करते ये हर हिंदुस्तानी की कहानी है।।
वे क्या लडेंगे हमसे जिन्होंने सीखा मुर्गे से सुबह उठ बाग़ लगाना।
हम मूछ का सम्मान करते है नहीं सीखा बकरों सा दाढ़ी बढ़ाना।।
तुम्हारी लड़ाई सूअर से जो तुमसे अधिक बच्चे पैदा कर लेती है।
हमें हर हाल में प्रेरणा हमारी भारत माँ या गऊ माता ही देती है।।
Thursday, 29 September 2016
पाकिस्तान
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