इतिहास गवाह है मिठाई में कीड़े लग जाते लेकिन "नमक" में नही इसीलिए मीठी मीठी बातें कर मैं आपको बेवकूफ नही बनाना चाहता। हमारे देश में बड़े बड़े वकील, महात्मा गांधी, बाबा भीमराव अंबेडकर थे, मगर किसी ने भगतसिंह का मुकदमा नही लड़ा, चाहते तो भगतसिंह को फांसी नही होती लेकिन कही भगतसिंह इनसे अधिक लोकप्रिय ना हो जाए। इस बात की जलन था। फिर ये कैसा राष्ट्रपेम ? इन्होने कैसे आजादी दिलवाई? भगतसिंह हँसते गाते फांसी पर झूल गए, क्योंकि इनके अंदर दलाली करने का कोई गुण नही था। भारत माता के लिए फांसी पर चढ़ने वाले को आतंकी बताया जाने लगा। रावण की छीक से सीता जी का जन्म हुआ... रावण सीता का बाप था ऐसा बच्चों को पढ़ाया जाने लगा। इसलिए
हम सभी लोगों के लिए चिंतन हो गया
इनके हो गए बाबर औरंगजेब टीपू मगर शिवाजी महाराज महाराणा प्रताप दुश्मन हो गया
गद्दार सिंधिया को पूजने वालों को ना जाने रानी लक्ष्मी बाई की वीरता से क्यों जलन हो गया
भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद आदि को आतंकी बताने वालों को लालच में आकर वहम हो गया
क्योंकि जाति जाति में बंट गए हैं भारतीय बेवकूफ इन मूर्खो के अंदर से मानवता का दहन हो गया
इन्ही की नादानियों से ठगों ने राज किया, सुभाष चंद्र बोस के प्रयासों का निधन हो गया
इन्ही की वजह से बंगाल में कभी दुर्गा पूजा मुख्य पर्व हुआ करता था लेकिन अब मुहर्रम हो गया
हारा हारा गोरी सत्रह बार हारा पृथ्वीराज ने एक बार भी नहीं मारा इसीलिए चौहान का वतन खो गया
मूर्खता और गद्दारी का हिंदुस्तान से पुराना रिश्ता है, अपने ही भाई को पिटता देख चुप रहना हमारी आदत, अंग्रेजो का दात खट्टा करने वाली रानी लक्ष्मी बाई की हार भी तब हुई थी जब सिंधिया ने अंग्रेजों से मिलकर अपने को मजबूत करने के लिए गद्दारी की।
विचारे चंद्रशेखर आजाद गए थे बनावटी पंडित जी से भारत आजाद कराने के लिए मदत माँगने मगर मिला क्या? गद्दारी! .. जालियां वाले बांग में अंग्रेजो से खुदको घिरा देख अपने ही सर में गोली मार लिया मगर आजादी को नही झुकने दिया।
जब तक गद्दार रहेंगे भारत में, कैसे सम्मान करू उनका,
राम मंदिर ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर कपिल सिब्बल विरोध कर जाते हैं
सभी देशद्रोहियों का मुकदमा लड़ने वाले रामजेठमलानी जिनका गुण गाते हैं
ये गद्दारी करते है हम लोगों से और विदेशों से लाखों अरबों रुपये कमाते हैं
कैसे सम्मान करू उस देशद्रोही पार्टी का जिस पार्टी से ऐसे वकील भी आते हैं
जिस दिन मूर्खो जाति पात से ऊपर उठकर इन देशद्रोहियों को पहचानोगे
उस दिन भारत माँ को गर्व होगा तुझ जैसा बेटा पाकर, खाई गरीबी अमीरी की मिट जाएगी
त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराने जेसीबी आई थी इनके लिए कुत्ता पकड़ने वाली गाड़ी आएगी
सबको मिले निर्भीक न्याय अतः गद्दारो को भगाना होगा
सबको मिले आदर्श व्यवस्था, समान संविधान लाना होगा
उठो धरा के वीर सपूतों भारत माँ का सम्मान करो।
समझो इनकी चालबाजियां फिर से ना नादान बनो।।
तलवारों की छाओ में, भगवा रंग लहरता है।
इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर से भगवा चलता है।।